मैं जैसा हूँ वैसा ही ठीक हूँ कुछ बनने जाता हूँ , बिखर जाता हूँ हिसाब कर सकु मेरा ऐसा इल्म नहीं कुछ गिनने जाता हूँ, तितर जाता हूँ रास्तो का पता करना मैंने छोड़ दिया कबसे अब जो मेरा मन करे, बस मैं उधर जाता हूँ कुछ लोग परेशान है मेरी बेपरवाह ज़िंदगी से कभीं दिल भी करता है की, उनके लिये सुधर जाता हूँ आप को जो ठीक लगे इसमें से ले लीजिए दिल में आया वो बोलके मैं तो निकल जाता हूँ