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Showing posts from November, 2025

सादगी

सजदा भी करते हो दुनिया को दिखाने को  सादगी का  ये  इतना भी गुरूर अच्छा नहीं 

बटवारा

आज दोनों ही अपनी फ़ितरतों का बटवारा कर लेते है  तुम सारी कामयाबी ले लो मैं सारी उलझने ले लेता हूँ 

औक़ात

इश्क़ गर औक़ात होता मैं सबसे बड़ा होता  बात गर दुनियादारी की हो मैं बहुत ग़रीब हूँ 

सुकून

आज ठीक चल रही है ज़िंदगी क्या हादसा है  कुछ सैलाब गर आ जाए, सुकून आ  जाए 

वैसा ही ठीक हूँ

मैं जैसा हूँ वैसा ही ठीक हूँ  कुछ  बनने जाता हूँ , बिखर जाता हूँ   हिसाब कर सकु मेरा ऐसा इल्म नहीं  कुछ गिनने जाता हूँ, तितर जाता  हूँ  रास्तो का  पता  करना मैंने छोड़ दिया कबसे   अब जो मेरा मन करे, बस मैं उधर जाता हूँ  कुछ  लोग परेशान है मेरी बेपरवाह ज़िंदगी से  कभीं दिल भी करता है की, उनके लिये सुधर जाता हूँ   आप को जो ठीक लगे इसमें से ले लीजिए  दिल में आया वो बोलके मैं तो निकल जाता हूँ