मेरे कुछ टुकडे

खुद को  ही  काट  के  खुद  को चला रहा  हूँ 

पता  नहीं  आखिर  मैं  बचूँगा  या  फ़िर  मैं 


कुछ  टुकडे  अगर  मेरे  गिरे  कही  मिले  बताना 

देखूँगा  क्या  उसको  फिर  जोड़ पा रहा हूँ  मैं 

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